SEBI (Securities and Exchange Board of India) भारत सरकार द्वारा निर्मित एक अधिनियम है, जिसका मुख्य उद्देश्य भारतीय पूंजी बाजार के लिए निर्देशन देना, सुरक्षित बाजार प्रणाली को बनाए रखना और निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। SEBI की स्थापना 1988 में हुई थी, और इसका मुख्यालय मुंबई में है। इसका मुख्य उद्देश्य शेयर बाजार में संचालित होने वाली गतिविधियों को नियंत्रित करना होता है। SEBI के अंतर्गत दो मुख्य विभाग होते हैं - एक जो निवेशकों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होता है और दूसरा जो शेयर बाजार में संचालित होने वाली गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार होता है।
SEBI के कार्य क्षेत्र में शेयर बाजार के निवेशकों की सुरक्षा, सामान्य जनता को शेयर बाजार के बारे में जागरूक करना, शेयर बाजार में निवेश करने के लिए लोगों की उत्सुकता बढ़ाना, शेयर बाजार में अनुचित गतिविधियों को रोकना, निवेशकों की शिकायतों का समाधान करना और शेयर बाजार को नियंत्रित करना आदि शामिल हैं। SEBI भारतीय प्रतिभूति और बाजार नियामक आयोग का एक शॉर्ट फॉर्म है। यह भारतीय प्रतिभूति बाजार के लिए एक नियामक संस्था है, जो समान सुविधाएं उपलब्ध कराती है।
SEBI का अधिकार भारतीय वित्तीय बाजारों की संरचना, सुधार, विकास और नियंत्रण पर होता है। यह शेयर बाजार, कमोडिटी बाजार, बॉन्ड बाजार और म्यूचुअल फंड जैसे विभिन्न बाजारों के लिए निर्देशन और नियामक का कार्य करता है। SEBI का मुख्य उद्देश्य भारतीय प्रतिभूति बाजार को सुरक्षित और ट्रांसपेरेंट बनाना है। इसके लिए, यह सुरक्षा बाजारों के नियमों का पालन करता है, और बाजार के लिए नए नियमों को लागू करता है। इसके अलावा, यह एक निगरानी संस्था भी है, जो निवेशकों के हितों को संरक्षित रखने के लिए कार्य करती है।
सेबी के कार्यों में शामिल हैं कंपनियों के IPO (Initial Public Offer) और FPO (Follow on Public Offer) का निर्धारण करना, कंपनियों के अधिग्रहण और अंशीकरण के नियम बनाना, शेयर बाजार में शेयरों के खरीद-बिक्री के नियम बनाना, बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाओं की सम्पत्ति का नियंत्रण करना और निवेशकों के हितों की रक्षा करना। सेबी की विभिन्न सुविधाएं ऑनलाइन भी उपलब्ध हैं, जिससे निवेशक संबंधित जानकारी जैसे कंपनी की विस्तृत जानकारी, IPO अपडेट और मूल्यांकन आदि प्राप्त कर सकते हैं।
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