देश में तमाम प्राइवेट कंपनियां जो विभिन्न क्षेत्रों में काम करती हैं, जब इन कंपनियों को अपने बिज़नेस को देश भर में फ़ैलाने के लिए अधिक फंड की जरूरत होती है, तो ये कम्पनियाँ खुद को स्टॉक मार्केट में लिस्ट करवाती हैं !
IPO की प्रक्रिया पूरी होने के बाद कम्पनियाँ सेबी के द्वारा शेयर मार्केट में लिस्ट कर दी जाती है ! कम्पनियाँ IPO को दो तरीके से जारी कर सकती है- पहला बुक बिल्डिंग और दूसरा फिक्स प्राइस
बुक बिल्डिंग में कंपनीअपने नए शेयरों के लिए एक प्राइस बैंड तय करती है ! निवेशक अपनी इक्षा के अनुसार उस प्राइस बेंड की सीमा में आवेदन करते है ! इस प्राइस बेंड की ऊपरी और निचली कीमत में अधिकतम २० प्रतिशत का अंतर हो सकता है ! बुक बिल्डिंग प्रोसेस पूरा होने के पश्च्यात शेयर की कीमत तय की जाती है !
फिक्स प्राइस में कंपनी अपने शेयर की एक निश्चित कीमत प्रस्तुत करती है ! इस प्रक्रिया में निवेशक को पहले से कीमत पता होता है ! सरल भाषा में कहा जाये तो कंपनी द्वारा प्राइमरी मार्केट में आम जनता के लिए जो प्रारंभिक प्रस्ताव लाया जाता है उसे ही IPO कहते है !
0 टिप्पणियाँ