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UTI - Unit Trust of India किस प्रकार छोटे निवेशकों को अधिक लाभ पहुँचता है ? : Vijay Verma

How to Invest in UTI - Unit Trust of India

UTI (Unit Trust of India) भारत की प्रमुख वित्तीय संस्थाओं में से एक है ! इसकी स्थापना यूनिट ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया अधिनियम, 1936 के अंतर्गत 01 फरवरी, 1964  को की गयी थी ! तथा भारत में इस संस्था ने जुलाई, 1964 से कार्य करना प्रारम्भ किया था !

इस ट्रस्ट की स्थापना का मुख्य उद्देश्य था कि लोगों की छोटी-छोटी बचतों को तरलता (Liquidity) व गतिशीलता को प्रदान करना था ! लोगों से एकत्र किये गए धन को इस ट्रस्ट के द्वारा औद्योगिक इकाईयों और कंपनियों की प्रतिभूतियों में विनियोजित कर दिया जाता है ! इसका कार्य देश के कोने-कोने में फैली अपनी शाखाओं के माध्यम से यह संस्था लोगों की छोटी-छोटी बचतों को स्वीकार करके इस निवेश के बदले अधिक से अधिक लाभ प्रदान करना है !

सामान्यता : यह ट्रस्ट 10 रु मूल्य के यूनिट पब्लिक को बेचती है ! यह यूनिट विभिन्न योजनाओं के माध्यम से समय-समय पर ट्रस्ट के द्वारा जारी किया जाता है ! योजनाओं के यूनिटों के बाजार मूल्य व ट्रस्ट के द्वारा पुनः क्रय करने वाला मूल्य देश के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट किये जाते है ! यूनिट धारक को एक निहित अवधि पर ट्रस्ट के द्वारा लाभांश (जिसे डिविडेंड कहते है) दिया जाता है ! इसके साथ ही ट्रस्ट का अतिरिक्त लाभ सभी यूनिट धारकों को वितरित कर दिया जाता है !

इसे एक उदाहरण से समझते है - ट्रस्ट की प्रारंभिक पूँजी 5 करोड़ रुपया है, जो विभिन्न क्षेत्रों जैसे स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया, जीवन बिमा निगम, भारतीय औद्योगिक विकास बैंक एवं अनुसूचित बैंकों व अन्य वित्तीय संस्थाओं के द्वारा जुटाई गयी है ! इसका प्रबंधन एक बोर्ड ऑफ़ ट्रस्ट के द्वारा किया जाता है ! इस बोर्ड में कुल सदस्यों की संख्या 11 होती है ! इन्हीं सदस्यों में से एक सदस्य बोर्ड का चेयरमैन होता है जिसे भारतीयऔद्योगिक विकास बैंक की संस्तुति पर भारत सरकार के द्वारा नियुक्त किया जाता है ! 

इसके अलावे औद्योगिक विकास बैंक बोर्ड का एक अधिशासी ट्रस्ट व चार अन्य ट्रस्टियों को भी नियुक्त किया जाता है ! 

ट्रस्ट द्वारा दो प्रकार की योजनाएं दी जाती है -

1 . चालू योजना (Open ended Scheme) - इस प्रकार की योजना में पुरे साल यूनिट की बिक्री की जाती है एवं यूनिट धारक को खरीदे तारीख से पुरे साल  की गणना करके लाभांश पाने का अधिकारी होता है, इसी योजना को खुली योजना या चालू योजना कहते है !

2 . बंद योजना (Close ended Scheme) - इस प्रकार की योजना सिर्फ एक निश्चित अवधि तक के लिए जारी रहती है ! इस योजना की शुरुआत 1982 के बाद यूनिट ट्रस्ट के द्वारा प्रारम्भ की गयी !

इस प्रकार की यूनिट में ट्रस्ट की योजना के माध्यम से यूनिटों में निवेश करने से अनेक लाभ होते है, क्योकिं इस विनियोजन में धोखाधड़ी  की संभावना नहीं होती है ! 


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