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म्यूच्यूअल फण्ड से कैसे अधिक लाभ कमाएं ? : How to earn more profit from Mutual funds ? : Vijay Verma

How to earn more profit from Mutual funds
Image Source - Freepik

म्यूच्यूअल फण्ड कैसे कार्य करता है ?

म्यूच्यूअल फण्ड सेबी द्वारा रजिस्टर्ड एक कॉर्पोरेट संस्था होती है, जो सभी निवेशकों के द्वारा निवेशित धन को एकत्र करती है ! इस एकत्र किये गए धन को ट्रस्ट (कॉरपोरेट  बॉडी) शेयर बाजार के विविन्न इंस्टूमेंट जैसे कि शेयर्स, बांड, डिबेंचर, सरकारी प्रतिभूतियाँ इत्यादि में निवेश करती है !

निवेशकों के द्वारा एकत्र की गयी धनराशि को कैपिटल मार्केट में अच्छी तरह से निवेश करने के लिए फण्ड मैनेजर की नियुक्ति की जाती है ! क्योकिं ये फण्ड मैनेजर शेयर बाजार के एक अनुभवी खिलाडी होते है ! इसलिए निवेशकों के धन को बाजार में इस प्रकार से निवेश करते है, कि निवेश किये गए धन से अधिक से अधिक लाभ अर्जित हो ! इस पूंजी में हुए वृद्धि को निवेशकों  के पास मौजूदा म्यूच्यूअल फण्ड की यूनिट के अनुपात में साझा कर दिया जाता है !  

इसे हम एक उदाहरण से समझते है - यदि म्यूच्यूअल फण्ड के किसी भी स्कीम में एक साल में निवेशकों को 40 प्रतिशत का लाभ मिला हो तो इसका मतलब है, की निवेशक के पास उस फण्ड की जितनी भी यूनिटस है, उसके अनुसार उसकी पूंजी में 40 प्रतिशत की वृद्धि हो जायेगी ! यही वजह है, कि म्यूच्यूअल फण्ड आम-जन के लिए विश्वसनीय निवेश का तरीका माना जाता है ! इस प्रक्रिया में निवेशक की जमापूँजी एक कुशल हाथों में होता है, जहाँ फण्ड मैनेजर निवेशकों की जमापूँजी को अलग-अलग फंड्स में निवेश करते है ! 

भारत में लगभग 200 से अधिक म्यूच्यूअल फण्डस हैं, और अगर अमेरिका की बात की जाये तो यह संख्या 3000 से अधिक है ! अगर आसान शब्दों में कही जाये तो म्यूच्यूअल फण्ड एक ऐसी धन निवेश कंपनी है, जो निवेशकों के धन को एकत्रित करके निवेश करती है ! आमतौर पर यह एकत्रित किये गए धन शेयर बाजार की प्रतिभूतियों या फिर सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश किये जाते है ! 

इसे हम एक उदाहरण से समझते है - जब हम किसी भी इक्विटी फण्ड में निवेश करते है ! तो शेयर बाजार से शेयर खरीदने का कार्य हम नहीं करते है, बल्कि हमारे बदले में यह कार्य म्यूच्यूअल फण्ड की एसेट मैनेजमेंट कम्पनियाँ करती है, और वे इक्विटी के माध्यम से आपके धन को किन-किन इक्विटी शेयरों में लगाया जाए और उसे कब बेचा जाए इन सभी कार्यों का निर्णय फण्ड मैनेजर करता है ! इसका यह लाभ होता है कि आपका धन अलग-अलग सेक्टर के अच्छे प्रदर्शन कर रहे शेयरों में डाइवर्सिफाई कर के लगाया जाता है ! इसमें हमारे पैसे डूबने का रिस्क कम होता है ! जबकि अगर हम सीधे शेयर बाजार में निवेश करते है तो रिस्क की संभावना बढ़ जाती है !

इसे हम एक उदाहरण से समझते है - अगर आपने फार्मा सेक्टर की किसी भी कंपनी के 500 शेयर खरीद रखे है, लेकिन अगर अचानक किसी योजना या समाचार सामने आता है, तो सभी फार्मा सेक्टर के शेयर नीचे गिरने लगते है ! ऐसी स्थिति में आपके निवेश किये गए धन के लिए मुश्किल पैदा हो जाती है !

इसके विपरीत अगर आपने म्यूच्यूअल फण्ड की इक्विटी में डाइवर्सिफाई स्कीम में निवेश कर रखा है ! तो आपका पैसा विभिन्न सेक्टरों की उस कंपनियों में निवेश होगा, जो कम्पनियाँ अच्छा प्रदर्शन कर रही है ! म्यूच्यूअल फण्ड में चॉइस  होता कि आप किसी विशेष सेक्टर में निवेश करना चाहते है तो आप ऐसा  सेक्टर स्पेसिफिक फण्ड के  द्वारा निवेश कर सकते है ! यही कारण है कि वे निवेशक जो म्यूच्यूअल फण्ड की किसी भी स्किम में लम्बे समय (लॉन्ग टर्म) के लिए निवेश करते है, तो वे अधिक फायदे में रहते है !

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